शनिवार, 15 मार्च 2025

Niyat dekhi jaati hai

        दुनिया मे तिन तरीके के लोग दिखाई पड़ते हैं
१.  दुनिया के रास्ते पर चलने वाले लोग
२.  दुनिया से अलग रास्ता अपनाने वाले लोग
३.  वह लोग जो सिर्फ अपने passion को पुरा करने के पिछे पागल रहते हैं।
 १.  दुनिया के रास्ते पर चलने वाले लोग.
      यह दुनिया का बनाया रास्ता है। आपको वहीं करना होता जो सब लोग कर रहे होते है। लोगो की भीड़ में आप सुरक्षीत महसूस कर सकते हो। इसमें रिस्क नहीं होता, क्युकी रास्ता पहले से तय होता है, बस आपको चलना होता है।

२.  दुनिया से अलग रास्ता अपनाने वाले लोग.
     इस तरीके के लोग अक्सर दुसरो से हटकर कुछ नया करने की सोचते है। दुनिया के रास्ते पर चलना इनको पसंद नही। यह अपना रास्ता खुद बनाते हैं, रिस्क लेते हैं और आगे बढ़ते है। इसीलिए इनके पास संभावनाएं ज्यादा होती है और ये लोग ज्यादा हासिल कर लेते हैं।
३.  अपने passion को पुरा करने वाले लोग.
     यह लोग अपने आप को साबीत करने के पिछे लगे रहते हैं। इनके अंदर जो कला है, गुण है  यह उसी पर काम करते हैं, मेहनत करते और इसी से अपना नाम कमा लेते हैं। इनकी एक अलग ही पहचान होती है। लोग इनके पिछे पागल रहते हैं और इनके जैसा बनना  चाहते हैं। 
    दो और तीन कॅटेगरी लोग दुनिया में हमेशा आगे रहते हैं। उनके पास नाम, फेम, पैसा सब होता है। लोग इनको फाॅलो करते हैं, इनके बारे में जानना चाहते है... जैसे की... खिलाडी, बिजनेस मॅन, कलाकार, अभिनेता। वहीं पहली कॅटगरी के लोग आम लोग होते है, जो वहीं एक जैसी जिंदगी जिते है। जो सपने तो बहुत बड़े देखते है, पर उसे पुरा कर नहीं पाते। कुछ नया करने से वह डरते है और अपने ही बनाये घेरे के अंदर पुरी जिंदगी गुजार देते है। 
    कुदरत ने सभी के अंदर क्षमता दे रखी है, पर कोई उसका इस्तेमाल करता है और कोई नहीं करता। जो अपनी क्षमता का इस्तेमाल करता है और युनीव्हर्स को अपना सबकुछ दे देता है, युनीव्हर्स उसे उपर उठा लेता है और जो कुछ देता ही नही वह वहीं पर रह जाता है। युनीव्हर्स का नियम ही यही है, जो देगा वहीं लेगा। आप कर्म करोगे तो आपको उसका फल तो मिलेगा ही।  कर्म करना जरूरी है, बिना कर्म के आपको कुछ नहीं मिलेगा। हमे देने के बारे में ज्यादा सोचना चाहिए।

     तुम्हारे पास जो भी है उसे दुनिया को दे दो। देने का मतलब पैसा, सम्पत्ती की ही बात नहीं कर रहा हूं। देने का मतलब तुम्हारे पास जो कुछ है, कोई भी अच्छी चीजें हैं, प्रतिभा, जो कला हो सकती है, अंदर के गुण हों सकते हैं। इतना क्यु एक छोटीसी स्माईल भी तुम दे सकते हो.... मत सोचो की इसके बदले तुम्हे क्या मिलेगा। तुम्हें बस दे देना है और भूल जाना है। युनीव्हर्स किसी का भी उधार अपने उपर नहीं रखता। आपने दुनिया को जो भी दिया युनीव्हर्स उसका सही मुआवजा आपको दे देगा। क्युकी यह दुनिया युनीव्हर्स की प्राॅपर्टी है और इसे बेहतर बनाने के लिए आप जो भी दोगे उसके हिसाब से आपको कुछ मिलेगा। 
    हम क्या दे रहे है यह जरूरी नहीं.... बस हम किस नियत से दे वह जरूरी है।‌ क्युकी देते वक्त हमारी नियत देखी जाती है। हम दुनिया को दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, पर उसे क्या दिखाओगे जो सिर्फ आपकी नियत देख  रहा हो। अपनी नियत साफ़ रखोगे तो देने वाला भी उतने ही साफ मनसे आपको सब देगा। जरा सोचो आपको  किसीको कुछ देना है पर देने से पहले ही आपको उसकी नियत ठीक ना लगे तो आपका उसको देने का मन होगा। 

     युनीव्हर्स भी हमे बहुत कुछ देना चाहता है, पर वह हमारी नियत देख रहा है और जैसी हमारी नियत होती है, उसी के हिसाब से वह हमें सब दे रहा है। इसलिए हमे हमारी नियत साफ़ रखनी होगी, क्युकी काम किया है तो मुआवजा तो मिलना ही है, पर वह काम किस नियत से हमने किया उस पर वह मुआवजा होगा।

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"ज़िंदगी हर किसी को आज़माती है… कभी हालात तोड़ते हैं, कभी लोग हिम्मत तोड़ते हैं। लेकिन कुछ लोग होते हैं — जो ना टूटते हैं, ना झुकते हैं...